Inspiration
ज़िन्दगी ने जो दावपेच चले नज़र के सामने वो सत्य है....
वो सत्य है, हाँलाकि खोफ्नाक है, हाँलाकि दर्दनाक है पर सत्य है
इस सत्य को स्विकार तू , खुद को फिर निहार तू
उजाला आएगा अवश्य , ले फिर से एक दहाड़ तू ..
उठ खड़ा हो मुश्किलों को टाल कर ,
ले शपत मुम्किन दिखेगी हर डगर ...
ज़िन्दगी ने जो दावपेच चले नज़र के सामने वो सत्य है....
वो सत्य है, हाँलाकि खोफ्नाक है , हाँलाकि दर्दनाक है पर सत्य है ....
यंकी नहीं किसी को जो तो ना करे वो ना सही,
मुश्किलों की रात जो ना कटे तो ना सही
बुलंद कर आवाज़ को और एक पुकार फिर लगा
उठा ले अस्त्र सस्त्र तू एक उजाला फिर जगा
मजबूर है खुदा फिर देने को तेरी मन्नतें
तू मन्नतों को अपने शीने में फिर से जगा
ज़िन्दगी ने जो दावपेच चले नज़र के सामने वो सत्य है....
वो सत्य है, हाँलाकि खोफ्नाक है , हाँलाकि दर्दनाक है पर सत्य है ....
हवा की सरसराहट जब तुझे है झकझोरती
सुबह की इक नई किरण जब तुझे है टटोलती
पंछी जब बिना रुके पथ को बढ़ते जा रहे
पुष्प काँटों का आलिंगन कर के भी मुशुकुरा रहे
जब अडिग हैं सब अपने -अपने कर्म के उस मार्ग पर,
तो हौशला क्यों तेरा डगमगा रहा इस राह पर
बेड़ियों को तोड़ के आजाद करदे खुद को तू ,
यही है वक़्त जिसकी तलाश में भटका है तू...
ज़िन्दगी ने जो दावपेच चले नज़र के सामने वो सत्य है....
वो सत्य है, हाँलाकि खोफ्नाक है , हाँलाकि दर्दनाक है पर सत्य है ....
उम्मीद रख वो पल भी आएगा ज़रूर
आँखों में जब तेरी होगा खुशियों का नूर
पर आज ही तू ये ठान ले, ये गाँठ मन में बाँध ले
अब न रुकना है तुझे जब तक ये मंजिल पा ना ले ,
अब ना थकना है तुझे जब तक ये वक्त आजमा ना ले....
ज़िन्दगी ने जो दावपेच चले नज़र के सामने वो सत्य है....
Very inspiring poem....
ReplyDeleteFeeling enthusiastic 😊
Thankx
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